Thursday, February 14, 2013

tantra ka vartalaap

Money (sycophantically) : Can we move together?

Honesty (Rudely): My parents say, your ancestors beheaded some of us. So it is not possible.

Development (Asking for sexual favor): Hey money darling, I have infra, can give you luxurious space.

Money  : Hello I am white, can't live with black.

Development: No, I maintain separation, though my religion allows me.

Honesty: Hey Money, if you are white, your space will be dark. And if you are black, it will be shining

Poverty: I need love of Money :(:( but don't have rooms for it. Could Development rent me one?

Honesty (Stubbornly): Hey Poverty, You can never live with Money. This is rule.

Development: No, No, I was instructed that whole rooms shall be occupied by only Money, irrespective of ethnicity. You can find your place in nearby slums or villages.

Money: Its raining, give me room.

Politics: (Rain is my agent, money is entrapped), Hey Development, listen, I want to destroy Honesty.

Development: I heard it resides with Poverty. I will send Money to kill her and arrest Poverty.

Poverty: No, no, it doesn't live with me. This is rumor.

Politics: So now all you are instructed to find and finish her off.

All (in one voice): Yes Boss, you will listen good news soon.

Monday, February 7, 2011

Civil Engineer

मैं एक civil engineer हूँ

तरह तरह के experiment मैं करता हूँ

जब चल जाए तो 5% का increment

नहीं चले तो redesign में रात भर मरता हूँ


खींचता हूँ सुबह उठ कर lines पेपर में

उसकों हम daily schedule बुलाते हैं

AC room में बैठ कर fundae देना काम हैं

पर हम तो भई सबके साथ पसीने में नहाते हैं


जब काम नहीं होते schedule के मुताबिक

boss से जूते खाने के लिए ready हम रहते हैं

boss कहता हैं, project management तो आता नहीं

lean construction की बात करते हैं


office में बैठा मैं एक designer हूँ

designing कल रात से मैं कर रहा हूँ

चाय पी पी के भेजा खराब हो गया हैं

A-3 size पे eraser बार बार घिस रहा हूँ


बना गया building structure गलत design से

अब सबकी शामत आने वाली हैं

अब होगा blame game, fattu लोगों का

per dont worry, pant सबकी उतरने वाली हैं


attitude में रहते हैं experienced लोग

communication का इल्जाम हम पर लगाते हैं

टाइम पे काम हम खत्म करके देते हैं

पूरा का पूरा लड्डू BC खुद निगल जाते हैं


मैं एक civil engineer हूँ

सब काम मुझे संभालना मुझे आता हैं

मुसीबते ऊपर और नीचे से झेल सकता हूँ

थक कर भी मुझे मुस्कुराहना आता हैं

Thursday, December 9, 2010

Nostalgia

गिलास में पानी मैं भर रहा हूँ

पर उसकों पीने की हिम्मत कहाँ से लाऊ

हवा उसकी बूंदों को चुरा रही हैं

पर उसकों ढकने की चादर कहाँ से लाऊ


लपेट रहा था खुद को उसके दामन से

हवा के झोखों से बचने के कोशिश में

काटें छुप कर दे गए जख्म मुझे

उन्हें मिटने का मरहम कहाँ से लाऊं


सोच रहा था चूल्हे में कंडे डाल कर

आज स्वादिष्ट खाना मैं बनाऊंगा

कंडे बीन कर बाजार से मैं ले आया

पर माचिस की तीली कहाँ से लाऊं


मिठाई की दूकान पे रखे गुलाब जामुन

तरसा रहे थे मुझे बचपन में कभी

आज पैसा हैं उन्हें खाने के लिए मेरे पास

पर खाने के लिए प्लेट कहाँ से लाऊं


लड़की का रिश्ता आया था मेरे लिए

खुश हुआ देखकर बहुत खूबसूरत हैं

बोली रिक्शे में बिठाना, पैदल न चलाना मुझे

अब रिक्शा में बैठने के पैसे कहाँ से लाऊं


चुराई थी मैंने मंदिर से कभी अठन्नी

पतंग खरीदने के लिए बिच्छू की दूकान से

ढेर सारी आज में पतंग खरीद सकता हूँ

पर वही अठन्नी कहाँ से लाऊं