गिलास में पानी मैं भर रहा हूँ
पर उसकों पीने की हिम्मत कहाँ से लाऊ
हवा उसकी बूंदों को चुरा रही हैं
पर उसकों ढकने की चादर कहाँ से लाऊ
लपेट रहा था खुद को उसके दामन से
हवा के झोखों से बचने के कोशिश में
काटें छुप कर दे गए जख्म मुझे
उन्हें मिटने का मरहम कहाँ से लाऊं
सोच रहा था चूल्हे में कंडे डाल कर
आज स्वादिष्ट खाना मैं बनाऊंगा
कंडे बीन कर बाजार से मैं ले आया
पर माचिस की तीली कहाँ से लाऊं
मिठाई की दूकान पे रखे गुलाब जामुन
तरसा रहे थे मुझे बचपन में कभी
आज पैसा हैं उन्हें खाने के लिए मेरे पास
पर खाने के लिए प्लेट कहाँ से लाऊं
लड़की का रिश्ता आया था मेरे लिए
खुश हुआ देखकर बहुत खूबसूरत हैं
बोली रिक्शे में बिठाना, पैदल न चलाना मुझे
अब रिक्शा में बैठने के पैसे कहाँ से लाऊं
चुराई थी मैंने मंदिर से कभी अठन्नी
पतंग खरीदने के लिए बिच्छू की दूकान से
ढेर सारी आज में पतंग खरीद सकता हूँ
पर वही अठन्नी कहाँ से लाऊं